जब कदम थक ने लगे तो ये मत सोचना की अब पैरों मैं दम नहीं ...
जब कदम थक ने लगे तो ये मत सोचना की अब पैरों मैं दम नहीं ...
जरा आईने मैं देखना ...
.... जरा आईने मैं देखना ...
कहीं वो मन की इच्छा और अधुरे स्वप्न को पुरा करने वाला वो जोश कहीं कम तो नहीं
फिर एहसास होगा.....
....फिर एहसास होगा.....
की मंज़िल मेरा दुर इंतज़ार कर रही है...
मुझे आगे हर हाल बढना है .... थोडा समय भी लगे तो भी कोई गम नहीं .... !!!!!!
महप्रसाद मिश्रा
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