तमशा भरा जीवन
तमशा भरा पथ
कुछ पाने की आशा
और कुछ खोने का गम।
आज का य गहराता काले बादल
और उसके पीछे वो नज़र आता धुन्दला किरण
कुछ कह रहा है ...
मैं हूँ ... मैं हीं हूँ वो
राधा का श्याम और सीता का राम
हर वो आशा की किरण जैसा
भक्त का भगबान।।।
महाप्रसाद मिश्र
No comments:
Post a Comment