किसी को कोई बोल रहा है
की बारिश की वो बूंदे
की ठंडी हवाओं का वो चलना
की मिट्टी की वो महक
किसी को बोल रहा है
की मैं आज भी जिंदा हूँ
तुझे मिलने के लिए
अब घर आजा ... इंतज़ार भी मुस्किल होने लगा है
य माँ बोल रही है की अब घर आभिजा क्यों के अब आँख से आंसू भी सूखने लगा है।।।
महाप्रसाद मिश्रा
#LifeIsBeautiful
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