कुच्छ वो बातें मेरे कलम से ...
हम अलग है... फिर भी पास हैं...
क्यों के वो लम्हे ज़िंदा हैं और वो यादें...
युहिं सजती रहे दोस्टन की मेहफिलें
और ज़िंदा राहें आगे मिलने की
वो कसमें और बादें !!!
महप्रसाद मिश्रा
हम अलग है... फिर भी पास हैं...
क्यों के वो लम्हे ज़िंदा हैं और वो यादें...
युहिं सजती रहे दोस्टन की मेहफिलें
और ज़िंदा राहें आगे मिलने की
वो कसमें और बादें !!!
महप्रसाद मिश्रा
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