कुच्छ वो बातें मेरे कलम से ...
तज़ूर्बा केह्ता है की,
खुशी मैं खुस हो के खुशियाँ बांटना चाहिये
ता की जब दुखी हो, तो किसी का हाथ आंसू पोछने के लिये आना चाहिये...
एक मुस्कुराहट चेहरे पे हर हाल है बनी रेहनी चाहिये...
ता कि जब गम आये तो आप को देख के
पता गलत होने की सोच मैं लौट जाना चाहिये !!!
महाप्रसाद मिश्रा
तज़ूर्बा केह्ता है की,
खुशी मैं खुस हो के खुशियाँ बांटना चाहिये
ता की जब दुखी हो, तो किसी का हाथ आंसू पोछने के लिये आना चाहिये...
एक मुस्कुराहट चेहरे पे हर हाल है बनी रेहनी चाहिये...
ता कि जब गम आये तो आप को देख के
पता गलत होने की सोच मैं लौट जाना चाहिये !!!
महाप्रसाद मिश्रा