Sunday, November 2, 2014

जीत से सीखा, हार से सीखा

जीत से सीखा, हार से सीखा
गालियों से सीखा, और तालियों से भी सिखा
की सर झुका हुआ अछा लगता है
अपनो का प्यार, सचाई ऑर गुरुओं के सामने
क्यों के इनमे भगबन बसे हैं।

 Mahaprasad Mishra
#LifeIsBeautiful

Saturday, November 1, 2014

कुच्छ वो बातें मेरे कलम से ...

अकेला था बैठा
दिल से आवाज आया
आज तक हसा तो कोई ना देख पाया
आज तक हसा तो कोई ना देख पाया
हुआ खामोश आज तो सब की नज़र मैं आया
 
जब हो रही बारिश तभी चुपके से आसूं बाहर आया
इस्से मैं किस्मत कहूँ या मेरी तक़दीर
इससे मैं किस्मत कहूँ या मेरी तक़दीर 
जब पेहना इंसानियत का चस्मा 
तभी दुनिया काला ही नज़र आया...
 
पर फिर भी दिल ने ना मानी मेरी बात
ओर मुझे समझाने को आया 
की भाई मेरे, ये असूल है इस युग का 
जो दूसरो के लिये सोचा, वो खुद केलिये कुच्छ ना करपाया 
सायद आया है तू इसी केलिए, तो ना देख दुनिया काला है या सफेद
कर हिम्मत, आगे बढ, किसीसे ना कर प्रभेद
जो उपर बैठा है वो देखा रहा है
तेरे बारे मैं भी कुच्छ सोच रहा है...
सोचना उससे और करना तुझे है...
असफल हो जाएगा ये जीवन तेरा
अगर तूने उसकी आशीर्वाद को ठुकराया
अफ़सोश रहेगा की इंसान होते हुए भी तू अगर कुच्छ ना करपाया...
 
भगबान पे भरोशा रखिये (Believe in God)

महाप्रसाद मिश्रा

New Blog Page Created (https://immahaprasad.wordpress.com/)

I have created a new blog page which will have new posts.  You may pls visit my new blog for updates ! URL : https://immahaprasad.wordp...